क्रिप्टोकरन्सी बिल
लोकसभा के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरन्सी रेग्युलेशन के ऊपर चर्चा होने के अनुमान फिर से बने हुए हैं । साथ ही साथ बाजार और मीडिया में अटकलों का माहौल गरमाता जा रहा है । क्रिप्टो करन्सी को लेकर तरह - तरह की कवायतें की जा रही हैं। किसी समाचार चैनल पर क्रिप्टो को पूरी तरह प्रतिबंधित करने की बात की जा रही है तो कहीं सरकार के इस रुख से निवेशकों को होने वाले 8 हजार करोड़ रुपये के नुकसान की बातें चल रही हैं तो कहीं इसे कानूनी मान्यता और वैध मुद्रा का दर्जा न मिलने पर होने वाले नुकसनों की चर्चा हो रही है। इन सब सूचनाओ के कारण क्रिप्टो में निवेश करने वाले आज कल काफी परेशान हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि आखिरकार किस खबर के क्या मायने निकले जाएँ और वह रात दिन अपने निवेश को ले कर चिंता में हैं।
लोकसभा के बुलेटिन बोर्ड से खबर
तो आईये जान लेते हैं कुछ तथ्यों के आधार पर की आखिरकार सरकार की तरफ से हो क्या रहा है :
लोकसभा के बुलेटिन बोर्ड से खबर कुछ इस प्रकार है । इसी साल के जनवरी महीने की 29 तारिक को लोकसभा सत्र में पेश किए गए बिल के चर्चा की रिपोर्ट नीचे दी गई है:
निजता समर्थित क्रिप्टोकरन्सी कौन - कौन सी है
कुछ ऐसी क्रिप्टोकरन्सी ब्लॉकचेन पर उपलब्ध है जो कि ब्लॉकचेन पर होने वाले आदान प्रदान को गुप्त रखती है। वह आदान प्रदान किस के बीच हुआ, कितने का हुआ, देने वाला कौन था और लेने वाला कौन था इसकी कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं करवाती, आप सिर्फ इतना ही पता लगा सकते है कि कोई आदान - प्रदान हुआ है बाकी सारी जानकारी गुप्त रहती है। इसका नुकसान यह होता है कि पारदर्शिता समाप्त हो जाती है । जिसका फायदा उठा कर गलत कामों में लिप्त व्यक्ति या संगठन किसी से भी फंड इकट्ठा कर उसका गलत इस्तेमाल कर सकते है जो की समाज के हित में नहीं है । हुमएन एक पारदर्शी व्यवस्था की जरूरत है । ऐसे ही कुछ निजी क्रिप्टो करन्सी के नाम है मोनेरो (MONERO), ज़ीकैश (ZCASH), ग्रिन (GRIN), होरईज़ेन (HORIZEN) और डैश (DASH)।
हो सकता है कि सरकार इन निजता का समर्थन करने वाली क्रिप्टो करन्सी को भारत में भी प्रतिबंधित कर दे। जैसा कि बिल में कहा गया है। ऐसा नहीं है कि किसी और देश ने निजी क्रिप्टो करन्सी को प्रतिबंधित नहीं किया है, अमेरिका और चीन जैसे देशों ने इन्हें पहले से ही प्रतिबंधित कर दिया है, और कुछ क्रिप्टो एक्सचेंज जैसा की बिटरेक्स (BITTREX), हुओबी (HUOBI) ने भी अपने एक्सचेंज से इन कॉइन की ट्रैडिंग को बंद कर दिया है।मगर बाकी की क्रिप्टोकरन्सी पर निवेश और ट्रैडिंग अभी भी जारी है।
हो सकता है कि इसमे दो - चार नाम और भी शामिल हो जाएँ ।
वैध मुद्रा (Legal Tender) का दर्जा मिलेगा या नहीं ?
यह एक लाख टके का प्रश्न है । सभी निवेशक अपने मन में कहीं न कहीं सबसे ज्यादा इसी बात को लेकर चिंता में हैं कि अगर क्रिप्टोकरन्सी को वैध मुद्रा का दर्जा नहीं मिला तो उनका निवेश डूब जाएगा।
इस लेख को पढ़ने वालों से मेरा सवाल है कि क्या सोने - चांदी को भी वैध मुद्रा का दर्ज प्राप्त है?,
क्या आप किसी सरकारी दफ्तर में जा के दस्तावेज बनवाने पर लगने वाले खर्च की भरपाई सोने - चांदी में कर सकते है ?
क्या आप अपने रोजमर्रा का सामान खरीदने बेचने में भी सोने - चांदी का उपयोग कर सकते है ?
जवाब दूँ -नहीं । सोने - चांदी को भी इस देश में वैध मुद्रा का दर्जा प्राप्त नहीं है । यह किसी जमाने में हुआ करता था पर आज के समय में सोने-चांदी को भी वैध मुद्रा का दर्जा नहीं मिला हुआ है ।
गेहू, चावल, मकई, बाजरा, और कई प्रकार के खनिज आपके स्टॉक के शेयर जो एक वैध मुद्रा न होने के बावजूद भी हम इसमें निवेश करते है और ट्रैडिंग करते हैं। NSE, BSE, MCX और NCDEX जैसे एक्सचेंज पर हम रोजाना इन्हें खरीदते बेचते है और निवेश भी करते है। तब हमारे मन में यह ख्याल नहीं आता की क्या यह एक वैध मुद्रा है या नहीं। जनता को इन सब बातों पर भी सोच- विचार करना चाहिए।
सब कुछ प्रतिबंधित हो गया तो क्या ?
हर प्रकार के निवेश में जोखिम होता है उस जोखिम को मद्दे नज़र रख कर सभी को निवेश करना चाहिए। जोखिमों को अनदेखा कर अगर आप निवेश करेंगे तो नुकसान भी संभावनाओं से पार ही होंगे।
भारत सरकार ने वैसे तो अपने आधिकारिक रिपोर्ट में कहीं भी ऐसा नहीं कहा या लिखा है कि वह सभी प्रकार की क्रिप्टोकरन्सी या क्रिप्टोटोकन को प्रतिबंधित करेगी । मगर मान लिया जाए कि अगर ऐसा कुछ होता भी है तो भी सरकार निवेशकों को अपना निवेश निकालने के लिए कुछ समय जरूर देगी मानो तो 6 या 9 महीने । अगर नहीं देती है तो भारत एक लोकतान्त्रिक देश है और इसमें न्यायपालिका की व्यवस्था भी है। कोई भी निवेशक न्यायपालिका में जा कर गुहार लगा सकता है और समय की मांग कर सकता है।
निष्कर्ष
किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में वैध मुद्रा उस देश की अपनी होनी चाहिए है वही से संचालित भी होनी चाहिए। जो कि सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा लाई जा रही डिजिटल करन्सी के जरिए करेगी।
ब्लॉकचेन पर उपलबद्ध अन्य क्रिप्टोकरन्सी या क्रिप्टोटोकन महज एक सामूहिक या व्यवसायिक परियोजना ( Business or Community Project) को दर्शाते है। आप किसी परियोजना का हिस्सा उस परियोजना के क्रिप्टोटोकन या क्रिप्टोकरन्सी में निवेश करके बन सकते हैं। मगर किसी सुविधाजनक ढांचे के बिना इन क्रिप्टोकरन्सी या क्रिप्टोटोकन को वैध मुद्रा का दर्जा देने से अर्थव्ययवस्था का प्रबंधन और संचालन कठिन हो जाएगा।
हो सके तो आम जन क्रिप्टो मार्केट को भी स्टॉक मार्केट की तरह ही निवेश और ट्रैडिंग के माध्यम के रूप में ही देखे। अभी से इसे वैध मुद्रा का दर्जा देना एक अलग तरह की परेशानी को बुलावा देना हो सकता है। हो सकता है कि भविष्य में हम ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करके वैध मुद्रा का भी कोई कारगर उपाय खोज निकालें क्योंकि क्रिप्टोकरन्सी और क्रिप्टोटोकन ब्लॉकचेन का एक बहुत ही छोटा सा हिस्सा है।
फिलहाल क्रिप्टो मार्केट के निवेशक यहाँ - वहाँ की खबरों पर ध्यान दे कर अपना रक्तचाप ना बढ़ाएँ। अपने निवेश को लेकर परेशान न हो। अपने निवेश से संबंधित सभी जानकारी से अवगत हों। क्रिप्टो की मार्केट भी बहुत बड़ी है तो अपने आपको इसके प्रति जागरूक करें और सरकार की नीतियों पर नजर बनाएँ रखें।