ब्लाकचेन का एक सरल रूप 

ब्लॉकचेन क्या है?

तकनीकी भाषा में यह शब्द 1991 में आया जब दो गणितज्ञ शोधकर्ता, स्टुअर्ट हाबेर और डब्ल्यू . स्कॉट स्टोरनेटा, ने इसकी शुरुआत की । दरअसल ब्लॉकचेन में दो शब्द है जिनका अपना ही अर्थ है, ब्लॉक + चेन, वैसे तो ब्लॉक एक आयताकार या वर्गाकार आकृति होती है मगर यहाँ ब्लॉक से मतलब है ऐसी रिकार्ड से है जिसमें काफी सारी जानकारी को जमा किया गया हो या लिखा गया हो। फिर इन ब्लॉक में लिखी जानकारियों को एक विशेष प्रकार की क्रीप्टोग्राफिक तकनीक के जरिए आपस में ऐसे जोड़ दिया जाता है कि कोई भी व्यक्ति या कंप्यूटर जनित प्रोग्राम या वायरस इसमें लिखी या रिकार्ड की हुई जानकारी के साथ छेड़छाड़ न कर सके ।


चूंकि ब्लॉकचेन का स्वरूप बँटा हुआ है इसलिए यह किसी एक कंप्यूटर पर न हो कर विश्व भर के कंप्यूटर पर मौजूद रहती है, अर्थात इसे कोई केन्द्रीय इकाई संचालित नहीं करती । जिसके कारण इसमें छेड़छाड़ करना कठिन है । अगर कोई भी ऐसा करने को कोशिश भी करता है तो उसे पूरे विश्व के कंप्यूटर से उस जानकारी को बदलना होगा जो एक असंभव काम है


अभी तक का निष्कर्ष


कुल मिलाजुला कर देखा जाए तो ब्लॉकचेन से हमें अभी तक यही समझ आया है कि यह एक प्रकार की कंप्यूटर कृत खाता बही बनाने और रखने की तकनीक है जो कि किसी एक व्यक्ति, संस्था या सरकार के पास न हो कर सभी जनता के पास बँटी हुई है और इसमें छेड़छाड़ करना आसान नहीं है ।





आम भाषा में इसका उदाहरण


आइये अपनी रोजमर्रा की जिंदगी से एक उदाहरण लेते हैं और समझते है कि कैसे ये कंप्यूटर कृत खाता बही पुराने लाल किताबी खाता बही से सुरक्षित और पारदर्शी है ।


पहला उदाहरण है उधार का राशन:


आम जिंदगी में हम सब किसी न किसी दुकान से राशन का सामान लेकर आते हैं । कभी-कभार पैसे की उपलब्धता न होने के कारण हम सामान उधार पर ले आते है । दुकानदार उस उधार को अपने उधार खाते में लिख लेता है । फिर एक हफ्ते, महीने या तय वक्त पर वह उसी उधार खाता बही को हमें दिखा कर हमसे उधार की रकम भरने को कहता है और हम उसका किया हुआ हिसाब किताब देखकर उसे पैसों का भुगतान करते है । पर क्या यह इतना ही आसान होता है ? नहीं, कई बार हमें लगता है कि दुकानदार ने कुछ सामान के मूल्यों में हेर-फेर की है या हिसाब जरूरत से ज्यादा बन रहा है। जिसे लेकर कई बार नोंकझोंक की वारदात सामनें आ जाती है। चूंकि उधार का बही खाता सिर्फ दुकानदार के पास ही उपलबद्ध है और वही उसे रखता और संचालित करता है इसलिए हमें मजबूरन उसी पर भरोसा करना पड़ता है। दुकानदार अगर चाहे तो उस बही खाते में मनमाने बदलाव कर सकता है। हम चाहे कितनी भी सामान की रसीद ले लें । रखरखाव के आभाव में एक दो इधर उधर हो ही जाती है या कभी कभार जल्दबाजी में हम रसीद लेना ही भूल जाते हैं और इसके कारण हमारे और दुकानदार के हिसाब किताब मे फर्क आता है । 


तो यह उदाहरण है जब आपका बही खाता किसी  एक व्यक्ति के द्वारा संचालित होता है और अपवाद की स्थिति में ही कोई तीसरा उस पर नज़र डालता है नहीं तो बीच मे कोई नहीं जांच सकता । किसी को क्या पड़ी है ।  जिसका फायदा दुकानदार या ग्राहक उठाने की कोशिश करता है ।



तो यह तो हो गया आम राशन की दुकान की बात अब दूसरा उदाहरण ले लेते है की संस्था या सरकारी विभाग की ।


दूसरा उदाहरण है दस्तावेजों से छेड़छाड़ : 




यह बात कोई छुपी नहीं है कि राशन की दुकान से भी बड़ी हेरफेर सरकारी विभाग के दस्तावेजों के साथ होती है। 
चूंकि दस्तावेज सरकारी रिकार्ड रूम में कुछ सरकारी कर्मचारियों की देख रेख में रखे होते हैं और ये पूरी तरह से उनके ही नियंत्रण में होते हैं । ऐसी स्थिति में हम मजबूर है उन पर विश्वास करने को। 
विभागों में रिश्वत लेने की समस्या लाइलाज है इसीलिए कई बार घोटालों और फ़र्जी दस्तावेजों की खबरें आती रहती हैं ।  चूंकि सरकार एक केन्द्रीय संस्था है इसलिए वो सारे दस्तावेज अपने पास ही रखती है जिसे लेने के लिए हमें R.T.I. Act का सहारा लेना पड़ता है ।


निष्कर्ष के तौर पर देखे तो दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ वहीं मुमकिन है जहां उसकी देख रेख सबके पास न हो कर किसी एक व्यक्ति या संस्था के पास है । आप इस प्रकार की छेड़छाड़ हर विभाग में देख सकते है  जैसे की बैंकिंग , बीमा, दिवानी जमीनी इत्यादि । 


ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग 


दस्तावेजों के इसी छेड़छाड़ को देखते हुए सन् 2009 में सतोषी नाकामोटो नाम के अज्ञात व्यक्ति ने बिटकॉइन की खोज की । हालांकि यह तकनीक 1991 में ही अस्तित्व में आ गई थी मगर इसको पहचान 2009 में बिटकॉइन के नाम पे मिली ।  तब से जा कर के अब आम जन ब्लॉकचेन के बारे मे सुन रहे है । कुछ के लिए तो ब्लॉकचेन का मतलब ही बिटकॉइन है, मगर ब्लॉकचेन बिटकॉइन से कहीं बड़ी संकल्पना है। बिटकॉइन तो इसका एक छोटा स्वरूप भर है अभी तक ब्लॉकचेन तकनीक का न्यूनतम उपयोग ही हमारे सामने है । हाँ, यह जरूर कह सकते हैं  कि बिटकॉइन ब्लॉकचेन की सरलतम रूप को प्रदर्शित करता है । जो की सामान्य लेन-देन  को  रिकार्ड करता है और क्रिप्टोग्राफीक कोड की सहायता से इस प्रकार सहेजता है कि उसमे छेड़छाड़ करना संभव नहीं है और यह डिजिटल बही खाता इंटरनेट पर  उपलबद्ध है, इसे हर कोई देख सकता है और अपने कंप्युटर में डाउनलोड कर सकता है, अर्थात यह विकेंद्रीय और पारदर्शी है । इसमे हमे किसी एक व्यक्ति या संस्था पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं है ना हीं इसमे विश्वास करने का कोई विकल्प है । 


बिटकॉइन कैसे काम करता है इसे हम अलग से पढ़ेंगे क्योंकि वह थोड़ा भाषा की तकनीकी को बढा देगा ।  हम यहाँ   सिर्फ   ब्लॉकचेन के बारे मे जानेंगे ।


आज ब्लॉकचेन 2009 की बिटकॉइन से आगे बढ़ गई है।  अब यह केवल सामान्य  लेनदेन  ही नहीं बल्कि अब यह अन्य विभागों में  जैसे बीमा, ऋण और ब्याज, उत्पादन, यातायात में स्मार्ट कान्ट्रैक्ट बनाने, ट्रैडिंग करने, डाटा को रिकार्ड करने के काम मे लाया जा रहा है । इन सब उपयोगों के बारे में हम आने वाले लेखों मे पढ़ेंगे।  


ब्लॉकचेन के प्रकार 


आज की स्थिति मे ब्लॉकचेन केवल विकेंद्रित ही नहीं रह गई है। मौजूदा स्थिति में  ब्लॉकचेन के  चार प्रकार हमारे सामने है :


1. विकेंद्रित ब्लॉकचेन (Decentralized Blockchain)
2. केंद्रित ब्लॉकचेन (Centralized Blockchain)
3. संकरी या मिश्रित ब्लॉकचेन (Hybrid Blockchain)
4. सामूहिक या संघीय ब्लॉकचेन ( Consortium Blockchain)


ब्लाक चैन के इन प्रकारों कि चर्चा हम आने वाले अन्य लेख में विस्तार से करेंगे |


अंतिम निष्कर्ष

अभी तक आप इतना तो समझ ही गये होंगे कि ब्लाकचैन जानकारियों को ब्लाक के जुटा कर रखने की एक विशेष तकनीक है । जो क्रिप्टो ग्राफिक कोड की मदद से प्राप्त सूचनाओं को इस प्रकार संग्रहीत करती है कि इसके साथ को बदलाव करना संभव ना हो मतलब जो एक बार ब्लॉक चेन के डिजिटल बही खाते  में लिखा गया तो लिखा गया, उसे दोबारा बदलना संभव ना हो। अभी तक हमें ब्लॉकचेन का यही स्वरूप दिखाया गया है मगर आगे आने वाले लेखों मे हम इसकी अन्य व महत्वपूर्ण उपयोगिताओं के बारे में जानेंगे, जानेंगे कि दुनिया भर की तकनीकी कम्पनियाँ इसपर किस प्रकार के प्रयोग कर रही है और वो प्रयोग हमारे लिए कैसे हितकारी या अहितकारी हो सकते हैं ।  बस भाषा और समझने का स्तर थोड़ा बढ़ जाएगा क्योंकि ये तकनीक है ही ऐसी। फिलहाल के लिए आप इसके मूल रूप को अच्छे से समझ ले, इसे सजाने स्वारने और निखारने का जो काम आज कल किया जा रहा है उसे हम अब पढ़ना शुरू करेंगे। 

अगले लेख में आप ब्लॉकचेन के अलग-अलग प्रकारों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।