क्रिप्टो करन्सी को विनियमित करने और नियंत्रण कानून बनाने की जद्दो जहद बरकरार है। सरकार अपनी तरफ से एक उम्दा क्रिप्टो बिल लेकर आना चाहती है । इसके साथ ही निवेशकों का मन अशांत भाव से हर खबर को उत्सुकता से पढ़ने में लगा हुआ  है। 

कुछ चर्चित हस्तियों की हाल ही में आईं कुछ टिप्पणियों  से क्रिप्टो मार्केट का माहौल और भी गरम हो गया। 


कुछ लोग भारत के प्रधानमंत्री की तरफ से आने वाली किसी आधिकारिक बयान की तलाश मे रहे । 









भारतीय प्रधान मंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बीडेन के द्वारा संचालित ग्लोबल सम्मिट में सोशल मीडिया और उभरती हुए तकनीक व  क्रिप्टोकरन्सी पर कहा कि  पूरे विश्व को साथ आकार एक ऐसा ढांचा तैयार करना चाहिए जो लोकतंत्र को मजबूत बनाने में सहायता करे , ना कि  इसे कमजोर करने में। 
प्रधानमंत्री के इस बयान से साफ है कि  वह ब्लॉकचेन व क्रिप्टोकरन्सी को लेकर एक वैश्विक समाधान ढूंढ रहें है ताकि इस उभरती हुई तकनीक का पूरा उपयोग किया जा सके । 











पूर्व  आर बी आई  (RBI) गवर्नर विमल जालान के द्वारा दिए गए बयान  की भी  विवेचना कि जा रही है । 
 
अपने इस बयान में विमल जालान ने कहा कि  क्रिप्टोकरन्सी एक नियमित और कानूनी दायरे में सही हैं पर बिना सोच विचार किए इस पर पाबंधी लगाना सही नहीं है । अगर इसे बिना नियम कानून के इस्तेमाल करना है तो इसे बंद करना ही सही रहेगा। 
RBI के कुछ अधिकारियों ने कहा है कि  क्रिप्टो को करन्सी की तरह तो नहीं मगर संपत्ति की तरह देखा जाना चाहिए क्योंकि यह अर्थव्ययवस्था के लिए खतरा साबित हो सकती है। इसी के चलते RBI ने 2018 में क्रिप्टो कारोबार में किसी की तरह से बैंकों संलिप्त न होने की सलाह दी थी। जिसे 2020 में भारतीय उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था।  



क्रिप्टोकरन्सी पर अब तक के हालात 

क्रिप्टोकरन्सी पर अब तक आई खबरों का आँकलन किया जाए तो हमें कुछ मुख्य पहलुओं का पता चलता है जिसके कारण अभी तक असमंजस की स्थिति बनी हुई है। आती जाती खबरों के कारण अब जनता के मन में कुछ सवाल उठने लगे है जिसकी चर्चा  हम इस लेख में करेंगे । 


अगर आप पूरा लेख नहीं पढ़ना चाहते तो आप हमारे द्वारा बनाए गए इस विडिओ को देख कर  जानकारी प्राप्त कर सकतें है :



क्या क्रिप्टो से जुड़े सभी प्रकार के कार्यों पर रोक है ?

ट्रैडिंग और निवेश :


भारत में अभी तक कोई भी ऐसा नियम क्रिप्टो को लेकर नहीं बना है जिसमें यह कहा गया हो कि क्रिप्टो में कारोबार या निवेश नहीं करना है। जब तक कोई स्पष्ट कानून नहीं बंता तब तक ऐसी किसी भी खबर पर ध्यान देना व्यर्थ ही होगा। क्रिप्टो पर सरकार अभी कानून बना रही है मगर मार्केट में खबरों  को गरमा के परोसनें की परंपरा पुरानी है। 

माइनिंग पर रोक :

 कुछ सूत्रों से खबर आ  रही थी की भारत भी चीन की तरह क्रिप्टो करन्सी की माइनिंग पर रोक गया सकता है। मगर इस पर भी कोई स्पष्ट नियम नहीं बना है जिसमें माइनिंग को प्रतिबंधित करने की बात काही गई हो । 
बहरहाल माइनिंग में इस्तेमाल होने वाले सभी उपकरणों और बिजली बिल का भुकतान  उपभोक्ता के द्वारा किया ही जाता है । फिलहाल जब तक कोई ठोस कानून नहीं आता इसपे कुछ भी कहना कोरी अफवाह होगी।
 

विज्ञापनों पर प्रतिबंध :

क्रिप्टोकरन्सी के विज्ञापनों पर भी अभी किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। मगर सरकार ने कहा है  कि  क्रिप्टो एक्सचेंज अपने विज्ञापनों में लुभावने दावे  न प्रस्तुत करें । इसके बजाए वो अपने विज्ञापनों से लोगों को जागरूक और शिक्षित करने की कोशिश करें । 


क्या बिटकॉइन को वैध करन्सी का दर्जा मिलेगा ?


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने इसपर सरकार का रुख साफ करते हुए कहा कि  बिटकॉइन या किसी भी क्रिप्टोकरन्सी को वैध मुद्रा का दर्जा नहीं दिया जाएगा । इसके बजाए RBI अपनी खुद की डिजिटल करन्सी बनाने पर कार्य कर रहा है। 
हालांकि याद दिया दें की भारत में सोना चांदी को भी वैध मुद्रा का दर्ज प्राप्त नहीं है। इसे भी संपत्ति या निवेश के लिए ही उपयोग किया जाता है।
 




क्रिप्टोकरन्सी से होने वाली आय  पर कर 


काफी निवेशकों के मन में यह सवाल बार बार उठता रहता है क्योंकि क्रिप्टो से होने वाली आय  पर कोई स्पष्ट कानून नहीं बने है तो उन्हें लगता है कि  क्रिप्टो से होने वाली आय भी कर भुकतान के दायरे में नहीं आती, मगर ऐसा नहीं है क्रिप्टो से होने वाली आय भी कर भुकतान के दायरे में आती है । कुछ विशेषज्ञों की मानें तो क्रिप्टो ट्रैडिंग या निवेश से होने वाली आय को आयकर ऐक्ट 1961 के अध्याय 4 में अंतर्गत  व्यापार और पेशे से होने वाली आय में सम्मिलित किया जा सकता है। 
अभी तक क्रिप्टो से होने वाली आय पर कोई कानून नहीं बना है तो कोई भी यह ना समझे की क्रिप्टो से होने वाली आय को वह छुपा सकता है। सभी प्रकार की क्रिप्टो पर टैक्स लागू है । 



ब्लॉकचेन तकनीक अवैध है ?


बिल्कुल नहीं, ब्लॉकचेन तकनीक बिल्कुल भी अवैध नहीं है। यह पूरी तरह से वैध है, ब्लॉकचेन एक विकेंद्रीकृत डिजिटल  बही खाता है और इस तकनीक पर अभी प्रयोग होना बाकी है। 
भारत ने भी इस तकनीक का उपयोग करना शुरू कर दिया है। AVASANT की एक रिपोर्ट की माने तो भारत में लगभग 50% राज्यों ने ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करना शुरू कर दिया, इन राज्यों में केरल, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे अन्य भी कई राज्य शामिल है जिन्होंने ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग अपने राज्य में जमीनी लेखों का रिकार्ड रखने डिजिटल सर्टिफिकेट बनाने और चिकित्सा संबंधी रिकार्ड रखने में कर रहें है।

 





क्रिप्टोकरन्सी और ब्लॉकचेन में क्या फर्क है ?


साधारण भाषा में कहें तो ब्लॉकचेन वह जमीन है जिसपर कोई निर्माण हो सकता है। बिटकॉइन, एथीरियम, कारदानो और टेज़ोस जैसे नेटवर्क कुछ ऐसी ही ब्लॉकचेन की तकनीक हमारे सामने लाती है जिनका उपयोग कर  काफी सारी क्रिप्टो करन्सी और क्रिप्टो टोकन इस ब्लॉकचेन नेटवर्क पर बने हुए है। क्रिप्टो करन्सी या क्रिप्टो टोकन ब्लॉकचेन पर बने हुए है, ब्लॉकचेन क्रिप्टोकरन्सी से नहीं बनी हुई है। क्रिप्टो टोकन या क्रिप्टो करन्सी को  ब्लॉकचेन पर कुछ खास वजह से उपयोग किया जाता है, क्रिप्टोकरन्सी या टोकन ब्लॉकचेन पर अपनी उपस्थिति और  मतदान दर्ज करवाने या सेवाओं का आदान प्रदान करने में उपयोग किए जाते हैं। 



क्या होगा अगर कोई क्रिप्टोकरन्सी या टोकन भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया? 


जैसा की हमने पिछले भाग में बताया कि क्रिप्टोकरन्सी या टोकन ब्लॉकचेन पर अपनी उपस्थिति और  मतदान दर्ज करवाने या सेवाओं का आदान प्रदान करने में उपयोग किए जाते हैं। इसका मतलब यही है कि अगर किसी क्रिप्टो करन्सी या क्रिप्टो टोकन को भारत में प्रतिबंधित किया गया तो उस क्रिप्टोकरन्सी या टोकन से जुड़ी तकनीक भी भारत में प्रतिबंधित हो जाएगी। 
क्रिप्टोकरन्सी या क्रिप्टोटोकन उस नेटवर्क पर हो रही गतिविधियों को संचालित करने में काम आते हैं अगर क्रिप्टोकरन्सी या क्रिप्टोटोकन को प्रतिबंधित कर दिया जाए तो ब्लॉकचेन पर बनी उस तकनीक का उपयोग कर उसकी सेवाओं का लाभ लेना भी बंद हो जाएगा। 
जैसा की हालफिलहाल में सुनने को मिल है कि भारत सरकार निजता वाली क्रिप्टोकरन्सी जैसे मोनेरो, जिन, डैश, ज़ी कैश जैसी क्रिप्टोकरन्सी को भारत में प्रतिबंधित  कर सकती है । वैसे भी काफी सारे देश जैसे ब्रिटेन, अमेरिका जैसे देशों में ये क्रिप्टोकरन्सी पहले से ही प्रतिबंधित हैं। 


क्रिप्टो को वैध मुद्रा का दर्जा देने की मांग क्या सही है ?



क्रिप्टो पर अभी कानून आना बाकी है मगर काफी लोग क्रिप्टो को वैध मुद्रा बनाने की वकालत करते नज़र आते है। 

हमें नहीं पता की वो कितने बड़े ज्ञाता हैं  मगर यह एक अलग प्रकार की सनक है कि किसी तकनीक को बिना समझे उसको चल रही आर्थिक व्यवस्था से बदल देना ।  अभी तक हमें  इसके उपयोगों के बारे में भी ठीक से पता नहीं चला है, बिना जांच पड़ताल किए किसी पर आँख मूँद कर विश्वास नहीं कर लेना चाहिए और समर्थन भी नहीं देना चाहिए। 
CoinMarketCap Website के डेटा की माने तो अभी तक 15500 क्रिप्टोकरन्सी और क्रिप्टोटोकन पूरे विश्व में मौजूद है साथ ही 450 के लगभग क्रिप्टो एक्सचेंज। आप खुद ही सोचिए की अगर ऐसे में इन्हें वैध मुद्रा बनाने की मांग होने लगी तो क्या होगा, जरूरी नहीं की सामने वाला व्यक्ति भी वही टोकन या क्रिप्टो करन्सी चाहता हो जो आप उसे देना चाहते हों।  इससे तो यही लगता है कि कोई आपसे 2-4 किलो आटा लेकर जाए मगर बदले में आपको 8-10  ईंटें दे जाए, हालांकि 8-10 ईंटों का मूल्य 2 किलो आटे के बराबर है, मगर क्या पता आपको उन 8-10 ईंटों का उपयोग न हो मगर सामने वाले के पास इसके सिवाय कोई विकल्प भी न हो। ऐसे में किसी भी चीज का  सही मूल्य हमें नहीं पता लग पाएगा, जिसके कारण चीजों  के रेट में काफी उतार चढ़ाव आने लगेगा, जैसा की फिलहाल क्रिप्टो मार्केट में चल रहा है, रातों रात कोई भी क्रिप्टो कॉइन या टोकन 10 गुणा बढ़ और घट जाता है। 
क्रिप्टो कॉइन या टोकन किसी परियोजना का मूल्य दर्शाते हैं उस परियोजना में लोगों का रुझान दर्शाते हैं । मगर एक परियोजना महज एक परियोजना होती है, वह राष्ट्र की धरोहर के रूप में नहीं गिनी जा सकती या वह राष्ट्र की संपदा का आँकलन नहीं करवा सकती। इसके लिए हमें RBI CBDC या रुपये को ही विकल्प बनाना पड़ेगा जब तक कोई ठोस तकनीक हमारे सामनें नहीं आ जाती । 







 सब प्रयासों के बावजूद हम कहाँ तक पहुंचें है ?


इस लेख को पढ़ने के बाद हमने समझा कि सरकार ने अपनी तरफ से स्पष्ट कह दिया है कि  वह क्रिप्टोकरन्सी को बढ़ावा नहीं देना चाहती बल्कि वह ब्लॉकचेन तकनिक के  उपयोग को बढ़ाना चाहती है। एल साल्वाडोर नामक देश ने जब से क्रिप्टोकरन्सी बिटकॉइन को अपने देश में वैध मुद्रा घोषित किया है तब से क्रिप्टो के जानकार दो खेमों में बंट  गए हैं। 

भारत के प्रधानमंत्री के द्वारा वर्चुअल ग्लोबल समिट में सभी देशों से सहयोग की बात करना दर्शाता है कि भारत क्रिप्टोकरन्सी और ब्लॉकचेन तकनीक को नियंत्रित कर उसके उपयोग को बढ़ावा देने में अग्रणी रहना चाहता है। 
वहीं RBI द्वारा क्रिप्टो करन्सी को MacroEconomy और वित्तीय कारोबार  के लिए खतरा बताया जा रहा है जबकि उनके पूर्व गवर्नर विमल जालान द्वारा क्रिप्टोकरन्सी को नियंत्रित करके उपयोग करने की बात की जा रही है । 
कुछ जगह ऐसा भी सुनने में आया है कि सभी क्रिप्टो एक्सचेंज को SEBI की निगरानी में कार्यान्वित किया जाएगा और विदेशी क्रिप्टो एक्सचेंज को भारत में कारोबार करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। मगर जब तक कोई स्पष्ट बिल पारित होकर नहीं आ जाता तब तक हमें धैर्य और शांति से अपने निवेश के बारे में जानकारी प्राप्त  करनी चाहिए और उसका आँकलन करना चाहिए। 
इस लेख में हमने जाना कि क्रिप्टो करन्सी और ब्लॉकचेन में क्या संबंध है और इनमें प्रतिबंध लगाने से क्या परिणाम सामने आ सकते है। क्रिप्टोकरन्सी को वैध मुद्रा का दर्जा देने से क्या परेशानी है ।